आज का जीवन सूत्र-४-९-२०११
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क्या बोलना चाहिए , क्या नहीं बोलना चाहिए ,कब बोलना चाहिए, कैसे बोलना चाहिए ,इस का विवेक होना चाहिए !
अगर आप अपनी असफ़लताओं को याद करके अपने मन को निराश रखने लगे तो कुछ बनने की शक्ति समाप्त हो जाती है।
If you stay frustrated or disspointed by remembering your failures then the power of your potential to be something diminishes.