Blog Archive

About Me

My photo
parampujy Guruvar Sudhanshuji Maharaj ka Shishay

Labels

Subscribe to Deciples-of-Sudhanshujimaharaj

Powered by us.groups.yahoo.com

WELCOME

YOU ARE WELCOME TO THIS BLOG

PLEASE VISIT UP TO END OF THE BLOG

Friday, October 23, 2015

Fwd:




जय माता दी

🌹नवरात्रि में कन्या पूजन का महत्व🌹


💥नवरात्रि सौन्दर्य, हर्ष उल्लास, उमंगो का पर्व है। कहते है नवरात्रि में माँ दुर्गा धरती पर भ्रमण करती है और अपने सच्चे भक्तों पर कृपा द्रष्टि बरसाते हुए उनकी समस्त मनोकामनाएं पूर्ण करती है ।

💥नवरात्रि में माता की कृपा पाने के लिए 2 से लेकर 10 वर्ष तक की नन्ही कन्याओं के पूजन का विशेष महत्व है। पुराणों के अनुसार इनके माध्यम से माता दुर्गा को बहुत आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है। वस्तुत: ये कुमारी कन्याएँ माँ आदि शक्ति का ही स्वरूप मानी गयी है ।

💥शास्त्रों के अनुसार दो वर्ष की कन्या को कुमारी कहा गया है । कुमारी के पूजन से सभी तरह के दुखों और दरिद्रता का नाश होता है ।

💥तीन वर्ष की कन्या को त्रिमूर्ति माना गया है । त्रिमूर्ति के पूजन से धन लाभ होता है ।

💥चार वर्ष की कन्या को कल्याणी कहते है । कल्याणी के पूजन से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता और सुख समृद्धि की प्राप्ति होती है |

💥 पांच वर्ष की कन्या को रोहिणी कहा गया है । माँ के रोहणी स्वरूप की पूजा करने से जातक के घर परिवार से सभी रोग दूर होते है।

💥छः वर्ष की कन्या को काली कहते है । माँ के इस स्वरूप की पूजा करने से ज्ञान, बुद्धि, यश और सभी क्षेत्रों में विजय की प्राप्ति होती है ।

💥 सात वर्ष की कन्या को चंडिका कहते है । माँ चण्डिका के इस स्वरूप की पूजा करने से धन, सुख और सभी तरह की ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है ।

💥आठ वर्ष की कन्या को शाम्भवी कहते है । शाम्भवी की पूजा करने से युद्ध, न्यायलय में विजय और यश की प्राप्ति होती है ।

💥 नौ वर्ष की कन्या को दुर्गा का स्वरूप मानते है । माँ के इस स्वरूप की अर्चना करने से समस्त विघ्न बाधाएं दूर होती है, शत्रुओं का नाश होता है और कठिन से कठिन कार्यों में भी सफलता प्राप्त होती है ।

💥दस वर्ष की कन्या को सुभद्रा स्वरूपा माना गया हैं। माँ के इस स्वरूप की आराधना करने से सभी मनवाँछित फलों की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते है ।

💥इसीलिए नवरात्र के इन नौ दिनों तक प्रतिदिन इन देवी स्वरुप कन्याओं को अपनी श्रद्धा और सामर्थ्य से भेंट देना अति शुभ माना जाता है। इन दिनों इन नन्ही देवियों को फूल, श्रंगार सामग्री, मीठे फल (जैसे केले, सेब,नारियल आदि), मिठाई, खीर , हलवा, कपड़े, रुमाल,रिबन, खिलौने, मेहंदी आदि उपहार में देकर मां दुर्गा की अवश्य ही कृपा प्राप्त की जा सकती है ।

💥नवरात्रे की अष्टमी या नवमी के दिन जिस दिन आप कन्या खिलाएं / पूजन करें उस दिन दस साल से कम उम्र की नौ कन्याओं और एक लडके को पूर्ण श्रद्धा एवं प्रेम से भोजन करा कर यथा शक्ति उन्हें दक्षिणा और उपहार भी अवश्य ही देना चाहिए। अगर आप घर पर हवन कर रहे है तो उनके नन्हे नन्हे हाथों से हवन सामग्री अग्नि में अवश्य डलवाएं।

💥उन्हें इलायची, पान, हलवा / खीर पूरी या जलेबी / मिठाई का सेवन कराकर उन्हें दक्षिणा अवश्य ही दें। यदि संभव हो सके तो अंत में जाते समय उन्हें कोई न कोई बर्तन और एक एक चुनरी देकर घर से बेटी की तरह विदा करें ।

💥और हाँ ..मन........उन्हें विदा करते समय उनके चरण छूकर उनका आशीर्वाद ग्रहण करना कतई न भूलें।
इन उपरोक्त रीतियों के अनुसार माता की पूजा अर्चना करने से देवी मां प्रसन्न होकर हमें सुख, सौभाग्य,यश, कीर्ति, धन और अतुल वैभव का वरदान देती है।

🙏🌹जय माता दी🌹🙏🏻


amazon code

AdSense code

Visitor Count

THANKS

YHANKS FOR YOUR VISIT