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Friday, November 13, 2015

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From: Madan Gopal Garga <mggarga2013@gmail.com>
Date: 2015-11-09 16:28 GMT+05:30
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To: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>


🔱सुविचार मंथन🔱

आज धनतेरस का पवित्र महापर्व है, जो कि ब्रह्माण्ड के पहले चिकित्सक भगवान "धन्वन्तरी" की याद में मनाया जाता है क्योंकि, वस्तुतः स्वास्थ्य ही सबसे अमूल्य धन है। इसके दो दिवस पश्चात देवी लक्ष्मी का उद्भव हुआ था।
आज के दिन धातु की खरीददारी क्यों की जाती है ?
  आज के ही दिन समुद्र मंथन के दौरान ब्रह्माण्ड के प्रथम चिकित्सक भगवान् धन्वन्तरी हाथों में अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे और ऐसी मान्यता है कि आज के दिन धातु घर लाने से उसके साथ अमृत के अंश भी घर आते हैं, इसीलिए, आज धनतेरस के दिन धातु ख़रीदा जाता है।
अकाल मृत्यु से रक्षा हेतु घर के आँगन  में यम दीपदान का भी आज विशेष महत्व होता है। दीप प्रज्वलित किये जाते हैं।

धनतेरस धन से सम्बंधित नहीं है। कुंठित उपभोक्तावाद से प्रेरित बाजारीकरण के कारण धनतेरस को लेकर कुछ भ्रांतियों के कारण यह बहुत कम लोग जानते है की वास्तव में धनतेरस में "धन" शब्द स्वास्थ्य के देवता धनवंतरी से लिया गया है कार्तिक कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ही धन्वन्तरि का जन्म हुआ था इसलिए इस तिथि को धनतेरस के नाम से जाना जाता है। देवी लक्ष्मी निश्चित ही धन की देवी हैं परन्तु उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपको स्वास्थ्य और लम्बी आयु भी चाहिए यही कारण है कि दीपावली से दो दिन पहले से ही यानी धनतेरस से ही दीपामालाएं सजने लगती हें। समुद्र मंथन के समय धन्वन्तरि जी कलश में अमृत लेकर प्रकट हुए थे इसी कारण इस दिन बर्तन खरीदने की प्रथा है आज के दिन वास्तविक परम्परा केवल नया बर्तन खरीदने की है या चाँदी भी खरीद सकते हैं। बाजारीकरण और धन के प्रति हमारे लगाव ने हमें भटका सा दिया है और हम भीड़ के पीछे चलकर कुछ भी खरीदने को चल पड़ते है जैसे टीवी, वाहन, कपडे, फर्नीचर आदि जो कि मूर्खता है एवं पूर्णतया कुंठित उपभोक्तावाद से प्रेरित है। इस दिन चाँदी खरीदने की प्रथा के पीछे भी यह कारण माना जाता है कि यह चन्द्रमा का प्रतीक है जो शीतलता प्रदान करता है और मन में संतोष रूपी धन का वास होता है। संतोष को सबसे बड़ा धन कहा गया है। भगवान धन्वन्तरी जो चिकित्सा के देवता हैं उनसे स्वास्थ्य और सेहत की कामना के लिए संतोष रूपी धन से बड़ा कोई धन नहीं है। लोग इस दिन ही दीपावली की रात लक्ष्मी गणेश की पूजा हेतु मूर्ति भी खरीदते हें। निवेदन है कि स्वास्थ्य रुपी धन के इस दिन को केवल पैसे की दृष्टि से न देखें नहीं तो हमारी परम्परायें या तो समाप्त हो जाएँगी अथवा उनका स्वरुप बिगड़ जायेगा। 
इसके साथ ही मेरे सभी मित्रो एवं उनके सम्पूर्ण परिवारजनों को अच्छे स्वास्थ्य एवं लंबी आयु की हार्दिक शुभकामनाएँ।


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