जो व्यथाऍं प्रेरणा दें, उन व्य्थाओं को दुलारो, जूज्ञ कर कठनईयों से रंग जीवन का निखारो, बृक्ष कट -कट कर बढा हे, दीप बुज्ञ -बुज्ञ कर जला हे, मृत्यु से जीवन मिले तो उसकी आरती उतारो!
समुद्र में घड़ा पानी का भरिये, स्थिति ऐसी होगी की पानी बहार भी है और अन्दर भी, बीच में घड़ा दिखाई दे रहा है तो वैसे ही हममें परमात्मा है और परमात्मा में हम है।