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Sunday, September 11, 2011

Fwd: [GURUVANNI] jigyasa aur samadhan: जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही ...



---------- Forwarded message ----------
From: Madan Gopal Garga <mggarga@gmail.com>
Date: 2011/9/11
Subject: [GURUVANNI] jigyasa aur samadhan: जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही ...
To: mggarga@gmail.com


jigyasa aur samadhan: जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही ...: To SEE MORE POSTINGS (AAJ KA VICHAR) VISIT BLOGS जिज्ञासु :- पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही मिलता है तो जीवन में कर्म क़ा क्या ...

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Posted By Madan Gopal Garga to GURUVANNI at 9/11/2011 07:10:00 PM

आज का जीवन सूत्र-१२-९-२०११

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दुनिया नहीं बदला करती तुम को अपने आपको बदलना होता है !

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव : अगर भाग्य के अनुसार ही मिलता है.....


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जिज्ञासु :-पूज्य गुरूदेव :  अगर भाग्य के अनुसार ही मिलता है तो जीवन में कर्म क़ा क्या महत्त्व है ?
पूज्य गुरूदेव : माना कि भाग्य बहुत प्रबल है ,लेकिन यह जो कर्म के चुनाव और कर्म करने की स्वतंत्रता भगवान ने दी है ,यह इतनी शक्तिशाली है कि अगर हम इसकी शक्ति के बल पर चलें तो दुर्भाग्य चाहे कितना भी प्रबल हो , हम उसे पराजित कर सकते हैं ! यह बात निशचित है ! अपना प्रयास जारी रखो ! नितन्तर चोट करते रहो ,बात जरूर बनेगी ! निराश हो कर बीच में छोड़कर बैठना नहीं , बात जरूर बनेगी ! थक कर बैठ गए तो बात बिगड़ जाएगी ! लगातार चलते रहे तो कभी न कभी परमात्मा अवश्य सुनेगा !"राम राम रटते रहो जब तक घट में प्राण "  दीनदयाल बहरे नहीं हैं ! अपने को उनकी कृपा का पात्र बनाओ ! अपनी पात्रता सिद्ध करो ! आपकी पात्रता सिद्ध होते ही दीनदयाल को भनक मिलनी शुरू हो जाएगी ! फिर आपके द्वारा किये गए कर्म का प्रभाव दिखना शुरू हो जाएगा !

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

आज का विचार -11/9/11






अपने अंहकार का परित्याग करो। विनम्रता अपना लो।

परम पूज्य सुधांशुजी महाराज

 

Abandon your ego. Embrace humility.

 

Translated by Humble Devotee

Praveen Verma



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