Neelam प्रातःकाल सुमँगल -
"गुर्रु ब्रह्मा गुर्रु विष्णु गुर्रु देवो महेश्वर:
गुर्रु साक्षात पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:"
-------------
"गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये, जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये ।
गुरु चरनन रज मस्तक दीजे, निज मन बुद्धि शुद्ध कर लीजे,
आँखिन ज्ञान सुअंजन दीजे, परम सत्य का दरशन करिये ॥
गुरु आज्ञा में .
गुरु अँगुरी दृढ़ता से धरिये, साधक नाम सुनौका चढ़िये
,
खेवटिया गुरुदेव सरन में, भव सागर हँस हँस के तरिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुरु की महिमा अपरम्पार, राम धाम में करत विहार
,
ज्योति स्वरूप राम दरशन को, गुरु के चरन चीन्ह अनुसरिये ॥
गुरु आज्ञा में" . . .See Translation
"गुर्रु ब्रह्मा गुर्रु विष्णु गुर्रु देवो महेश्वर:
गुर्रु साक्षात पर ब्रह्म तस्मै श्री गुरुवे नम:"
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"गुरु आज्ञा में निश दिन रहिये, जो गुरु चाहे सोयि सोयि करिये ।
गुरु चरनन रज मस्तक दीजे, निज मन बुद्धि शुद्ध कर लीजे,
आँखिन ज्ञान सुअंजन दीजे, परम सत्य का दरशन करिये ॥
गुरु आज्ञा में .
गुरु अँगुरी दृढ़ता से धरिये, साधक नाम सुनौका चढ़िये
,
खेवटिया गुरुदेव सरन में, भव सागर हँस हँस के तरिये ॥
गुरु आज्ञा में . . .
गुरु की महिमा अपरम्पार, राम धाम में करत विहार
,
ज्योति स्वरूप राम दरशन को, गुरु के चरन चीन्ह अनुसरिये ॥
गुरु आज्ञा में" . . .See Translation