मदन गोपाल गर्ग ,एल एम्, वी जे एम्
रासते में उन को एक किसान मिला जो पूरब की और जा रह था ! ज्योतिषी ने उस को रोका और बोला आज इधर दिशाशुल है इधर मत जाओ ! किसान बोला हजूर इधर तो में जब से मेने होश सम्भाला अपने खेत पर जाता रहा हूँ और मेरे बाप दादा भी जाते रहे हें ! ज्योतिषी ने कहा अच्छा अपना हाथ दिखा ! किसान ने उस को अपना उलटा हाथ दिखाया ज्योतिषी ने कहा सीधा कर के दिखाओ !
किसान बोला हम भिखारी नही हैं जो हाथ फेलाए ! हमारे शहर मे महाकाल का बास हे हम को काहे का डर हे .! और वह जै महाकाल कह कर चला गया !
राजा को भी अकल आइ और उसने मंत्री से कहा हमला बोलो और जै महकाल का नारा लगा कर हमला बोल दिया और जीत गया !