प्रश्न आपके ,समाधान सदगुरू के (धर्मदूत जून २००६ )
नीचे प्रश्न लिखे हैं अगर आपको किसी प्रश्न क़ा उत्तर चाहिए तो अपना प्रश्न ओर धर्म दूत क़ा महीना ओर साल ,तथा प्रश्न क्या है लिखे ब्लॉग पर पोस्ट कर दिया जायेगा !
(१)मैंने गीता में पढ़ा कि आत्मा अमर है अविनाशी ओर अजन्मा है ! दूसरी ओर यह भी सर्वविदित है कि पुनर्जन्म क़ा चक्र चलता रहता है !यदि ऐसा है तो मनुष्य की जनसंख्या स्थिर होनी चाहिए , जनसंख्या विस्फोटक की स्थिति क्यों है ?
(२)मन बड़ा चंचल है ! ध्यान करने बैठते हैं लेकिन टिकता ही नहीं ! दूसरी समस्याओं मन लगातार दौड़ता रहता है ! क्या करेब ?
(३)ऐसा क्यों होता है कि एक व्यक्ति जो बहुत आचार -विचार ओर नियमों से चलता है कभी किसी के साथ बुरा नहीं कर्ता !निरंतर भगवान् की भक्ति कर्ता है ! फिर भी वह कष्ट पाता है जबकि , जो लोग पूरी तरह मनमाना जीवन जीते हैं ओर दूसरों बुराई ओर हानि करने से नहीं चूकते वे लोग अच्छा ओर सुखी जीवन जीते हैं ?
(४)श्रद्धा से ज्ञान प्राप्त होता है अथवा ज्ञान की प्राप्ति पर श्रद्धा स्वंय उत्पन्न हो जाती है ?
(५)मुझे क्रोध बहुत आता है !क्रोध की स्थिति में मैं कुछ भी कर डालता हूँ तो कई बार बहुत हानिकारक भी होता है ! मैं क्या करूँकैसे अपनर क्रोध को रोकूँ ?
परम पूज्य सुधांशुजी महाराज
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